आलु खाए वाला तरकारी कय नाँव होय । ई जमिन कय निचे फराला औ सोरिहा तरकारी होय लेकिन आलु कै खाए वाला भाग जवन रहा ला ऊ डाँठ होय । यकर वैज्ञानिक नाँव 'सोलेनम ट्युबरोसम'(Solanum tuberosum) होय । यहमा बहुत स्टार्च औ कार्बोहाइड्रेट रहत है । आलु कै उप्पर अगर रौसनी परिजात है तौ वोकर रङ हरेर होइजाल औ उ जहरिला होइजात है । [१] अमेरिकी वैज्ञानिकन् कै अनुसंधान मा इ निष्कर्ष निकारा कि पेरू कै किसान आज से लगभग 7000 साल पहले से आलू बोवत औ उगावत हैं। सोरहवां सदी मा स्पेन आपन दक्खिन अमेरिकी उपनिवेशन् से आलू कै यूरोप पहुंचाइस ओकरे बाद ब्रिटेन जैसन देशन् से आलू दुनिया भर में लोकप्रिय होइ गवा । आजो आयरलैंड औ रूस कै अधिकांश जनता आलू पै निर्भर हैं। भारत औ नेपाल मा इ सब से लोकप्रिय तरकारी होय ।

आलु कै पौधा
आलु कै पौधा

आलु खेती सम्पादन

आलु खेती खर्तिन कुछ चिज पै ध्यान दै जात है :

  • खन जोत
आलु बोवै खर्तिन बढिया से खेत खनि जोति कै मुढा बनाईब जरुरी रहत है ।
  • सिँचाई
आलु खेती खर्तिन खेते कै बढिया से सिँचब जरुरी रहत है |
  • खाद
आलु खेती खर्तिन खाद डारब बहुत जरुरी रहत है
  • विषादी या कीटनाशक दवाई
वइसय तौ आलुक खेते मा दवाई डारत हैं लेकिन इ बढिया नाई होय ।

संदर्भ सम्पादन

  1. "The Plant List: A Working List of All Plant Species". मूल से 27 August 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 June 2015. नामालूम प्राचल |url-status= की उपेक्षा की गयी (मदद)