कात्यायिनी
माँता दुर्गा कय छठवा स्वरूप कय नाव कात्यायनी होय। वह दिन साधक कय मन 'आज्ञा' चक्र में स्थित होत अहै। योगसाधना में ई आज्ञा चक्र कय अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान अहै। इ चक्र में स्थित मन वाला साधक माँत कात्यायनी कय चरण में आपन सर्वस्व निवेदित कई देत अहै।