फासीवाद एक मेर कय सरकार होय । यहमा देश कय जनता से बड़ा मानि जात है । ऐसन सरकार मे एक्ठु सब्से बडा नेता रहत है जवने कय तानाशाह कहि जात है । यकर सुरुवात १९१४ कै पहिले कै समाजवादी आंदोलन (सिंडिकैलिज़्म) मा होइ चुका रहा । इ फ्रांसीसी विचारक जाज़ेंज सारेल कै दर्शन से प्रभावित रहा ।सिंडिकैलिस्ट पार्टी उ समय पूँजीवाद औ संसदीय राज्य कै विरोध करत रहा।१९१९ म पहिला विश्वयुद्ध कय बाद पार्टी कय एक्ठु सदस्य मुसोलिनि आपन कुछ क्रांतिकारी सङरिहा कै साथ़े एक्ठु नँवा क्रांति कै भूमिका बनाइन । अंतर्राष्ट्रीय स्तर पै इटली कै सम्मानित जगह, गृहनीति मा मजूरहन् औ सेना कै सम्मान अव कुल लोकतांत्रिक औ संसदीय दल अव तरिकन् कय दमन कुल उ घोषणापत्र कय जरुरी चीज रहा।पहिला विश्वयुद्ध मा इटली अपने सङरिहा देशन कय साथे मिलिकै लडिस औ ओहमा ओका बहुत नोक्शान उठावेक परा । मुसोलिनी आपन शक्ति बढ़ावै खर्तिन रोसोनी कै नेशनल सिंडिकैलिस्ट पार्टी कै भी अपने साथे मिला लिहिन । क्रांति औ पुनरुत्थान कै धरिहा नारा निर्धन जनता कै बहुत प्रभावित किहिस औ बहुसंख्यक किसान औ मजूरहन में फ़ासिस्टवाद कै जऱ, बहुत गहराई तक फैलि गै ।

नेशनल फैसिस्ट पार्टी कै लोगो

पहिला विश्वयुद्ध कय बाद आपन सुरुवाती दिन मा फ़ासिस्टवादी आंदोलन कय उद्देश्य राष्ट्र कै एकता औ शक्ति बढाइब रहा। १९१९ औ १९२२ कै बीच मा इटली कै कानून औ व्यवस्था कै चुनौती सिंडिकैलिस्ट, कम्युनिस्ट अव दुसर वामपंथी पार्टिन् से मिलै लाग। उ समय फ़ासिस्टवाद कै एक्ठु प्रतिक्रियावादी औ प्रतिक्रांतिवादी आंदोलन कै रुप मा बुझत रहे। स्पेन, जर्मनी जैसन देसन मा भि अइसन आन्दोलन भवा औ फ़ासिस्टवाद कै साम्यवाद कै प्रतिपक्ष (एंटीथीसिस) कै रुप मा लेवै लागें। १९३५ कै बाद हिटलर-मुसोलिनी-संधि कै नाते एका अतिक्रमण औ साम्राज्यवाद से जोडिकै देखै लागें ।

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