दमा:संशोधन के बीच अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति १३:
अस्थमा कै स्थायी निदान नाइ है ।अस्थमा कै उपचार कै एक्कै लक्ष्य होय कि यि कुल लक्षन कै ना होवै देब , अस्वस्थता घटाइब , तिब्र दौरा (एक्युट अटैक) आवै ना देब औ स्वस्थ जिन्दगी देब । यकरे निदान मा इन्हेल्ड कर्टिकोस्टेरोइड ,बर्कोंडाइलेटर ,ल्यूकोट्राईन एन्टागोनिस्ट औ मास्ट सेल स्टेबलाइजर जइसन दवाईकै इस्तेमाल होत है ।
दमा कै रोगिन कै ‘इन्हेलर’ तरिका (जवने मा दवाई कै इन्हेलर कै मदत से सिधै फेफड़ा तक पहुचाइ जात है) से उपचार कइ जात है। इन्हेलर से लेवैक बाद मा दवाई बहुत हाली काम करत है औ ढेर प्रभावकारी होत है। दवाई बहुतै कम मात्रा मा खून मे पहुचत है इहिकै नाते एकर ‘साइड इफ्फेक्ट’ बहुत कम होत है । दमा कै रोगिन कै इस्तेमाल करै वाला ब्रोङ्कोडाइलेटर औ स्टेरोइड दवाई इन्हेलरऽय से दइ जात है ।
==जीवन शैली मा बदलाव==
== सन्दर्भ ==
|