कविता:संशोधन के बीच अंतर

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* [http://pouemes.free.fr/poesie/la_glace/hindi.htm काव्य सम्पादन]
* [http://www.yoindia.com/forums/ सर्वप्रथम एवं समर्पित हिन्दी कवियों का घर]
* [http://hi.wikibooks.org/wiki/कविता_क्या_है%3F कविता
क्या है?] (लेखक—आचार्य रामचन्द्र शुक्ल)
== कविता ==
== कविता ==
 
 
नागरिकता नायी पावत हैं  ( अवधी कविता )
                # राजेश जिज्ञासु
 
बुद्ध कै सनेश दादा वनकर सुनावत हैं
राणा लोगन कै सारा खिस्सा बतावत हैं
गर्व से आपन पुरान इतिहास बतावत हैं
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं
 
रातिम नीद मुश्किल से वनकरआवत है
करवट बदल-बदल कै रात बितावत हैं
रातदिन सिरिफ एक्कै बात सतावत है
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं
 
कब्बो गाविस अध्यक्ष फटकारत हैं
कब्बो अपनै वार्ड अध्यक्ष भगावत हैं
सुधबुध सारा गुम होय जावत है
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं
 
नेतन कै पीछे-पीछे दिन बितावत हैं
सदरमुकाम कै जिला प्रशासन धावत हैं
निराशा केवल हाथ मे आवत है
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं
 
माईदादा कै नाम कै लालपुर्जा माङत हैं
यथार्थ भूमिहीन केहू न लालपुर्जा पावत हैं
नागरिकताबिहीन दादा दु:ख सुनावत हैं
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं
 
कब्बो घुसपात कै बात सुनावत हैं
विदेशी कहिकै कब्बो थरकावत हैं
खून कै आँसु खाली चुआवत हैं
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं
 
सरजमीन कै नाम पे तरसावत हैं
नियमकानुन कै पाठ पढावत हैं
खाली कमीकमजोरी देखावत हैं
सुधिराम बेचारु नागरिकता नायी पावत हैं