कवि त्रिलोचन कय हिन्दी साहित्य कय प्रगतिशील काव्यधारा कय प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता अहै। वे आधुनिक हिंदी कविता कय प्रगतिशील त्रयी कय तीन स्तंभ में से एक रहे।