निर्झर प्रतापगढ़ी (जन्म: १९६०) अवधी कय प्रसिद्द हास्य कवि[]पुरातत्वविद होयँ। वें उत्तर प्रदेश कय प्रतापगढ़ जनपद से हैं।[] यन कय वास्तविक नावँ राजेश पांडे होय।[] वें देश कय प्रथम ग्रामीण पुरातत्व संग्रहालय अर्थात अजगरा संग्रहालय कय संस्थापक होयँ।[]

निर्झर प्रतापगढ़ी कय एक व्यंग्य काव्य अवधी में

जब से ये नेता खाइ के मोटाइ लगे हैं,

तब से बेचारे कुकुरै कमजोराय लगे हैं।

गाँधी, सुभाष, लोहिया, कांशीराम के चेले,

चौराहे पे चवन्नी मा बिकाय लगे हैं।

सन्दर्भ

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  1. "उत्तर प्रदेश कय रचनाकार" (हिन्दी में). हिंदुस्तान मीडिया. मूल (एच.टी.एम.एल.) से 2015-08-16 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-10-14. नामालूम प्राचल |url-status= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद)
  2. "निर्झर कय सम्मान से बढ़ा बेल्हा कय मान" (एच.टी.एम्.एल.) (हिन्दी में). जागरण न्यूज. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद)
  3. "'पिया मेहंदी मंगाय द मोती झील से...'" (पी.एच.पी) (हिन्दी में). रेनावो न्यूज. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद)
  4. "देश कय पहिला ग्रामीण पुरातत्व संग्रहालय होय अजगरा" (हिन्दी में). नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद)