बरज भाषा
बरज भाषा अथवा ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र कय बोली होय। (श्रीमद्भागवत कय रचनाकाल में "व्रज" शब्द क्षेत्रवाची होइ गवा रहा। विक्रम कय 13वीं शताब्दी से लैकै 20वीं शताब्दी तक भारत कय मध्य देश कय साहित्यिक भाषा रहय के कारण ब्रज कय इ जनपदीय बोली आपन उत्थान एवं विकास कय साथ आदरार्थ "भाषा" नाव प्राप्त किहिस औ "ब्रजबोली" नाम से नाहीं, अपितु "ब्रजभाषा" नाव् से विख्यात भए। अपने विशुद्ध रूप में यह आज भी आगरा, धौलपुर, मथुरा अउर अलीगढ़ जिला में बोला जात अहै।