बलराज साहनी (जनम: 1 मई, 1913 निधन: 13 अप्रैल, 1973), छोटइयै कय नाँव "युधिष्ठिर साहनी" रहा। हिन्दी फ़िलिमन कय यक अभिनेता रहें। वन मसहुर लेखक भीष्म साहनी कय बड़ा भाई अव चरित्र अभिनेता परीक्षत साहनी कय बप्पा होंय।वन यक्ठु परसिद्ध भारतीय फिलिम औ मंच अभिनेता रहें, जे धरती के लाल (1946), दो बीघा ज़मीन (1953), काबूलीवाला (1961) औ गरम हवा के तांई जानि जात हँय।

बलराज साहनी

बलराज साहनी 1955 हिंदी फिल्म ((सीमा (1955 फिल्म)
जनम युधिष्टिर साहनी
१ मई १९१३
रावलपिंडी, पंजाब, ब्रिटिश भारत
मउत 13 अप्रैल १९७३(१९७३-04-13) (उम्र 59)
मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत
व्यवसाय अभिनेता, लेखक
जीवनसाथी दमयंती साहनी (?–1947; निधन तक)
संतोष चंदोक (1949–?)
लरिके 3, including परीक्षित साहनी

सुरुवाती जीवन

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साहनी कय जनम 1 मई 1913 कय ब्रिटिश भारत कय रावलपिंडी म भा रहा। [] वन सरकारी कॉलेज विश्वविद्यालय (लाहौर), पंजाब, ब्रिटिश भारत मा पढाई किहिन। लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में आपन मास्टर डिग्री पूरा करैक बाद, वन रावलपिंडी वापिस आइ गँय औ अपने परिवार कय व्यवसाय मा सामिल होइ गँय।दमयंती साहनी से बियाह करैक तुरंतै बाद वन हिंदी मा बैचलर डिग्रीओ लिहिन, यकरे बाद पंजाब विश्वविद्यालय से अंग्रेजी मा मास्टर्स किहिन। []

1930 कय अंतिम मा, साहनी औ वनकय मेहरारु बंगाल कय शांतिनिकेतन मा टैगोर कय विश्व-भारती विश्वविद्यालय मा अंग्रेजी औ हिंदी पढावै लागे औ रावलपिंडी छोड़ दिहिन। इँहि वनकय बेटवा परीक्षित साहनी कय जनम भवा रहा, तब वनकय मेहरारु दमयंती आपन स्नातक कय डिग्री करत रहिन। [] वन 1938 में महात्मा गांधी कय साथे काम करै गँय। अगला साल, साहनी, गांधी कय आसिर्वाद कय साथे, बीबीसी- लंदन कय हिंदी सेवा मा रेडियो उद्घोषक कय रूप मा सामिल होवै खर्तिन इंग्लैंड गँय औ 1943 मा भारत लौटि आँय।

सन्दर्भ

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  1. Singh, Paramjit (24 April 2010). "Born to act". The Tribune (Chandigarh). मूल से 18 January 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 January 2017. नामालूम प्राचल |url-status= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  2. Stumbling into films by chance Archived 6 March 2018[Date mismatch]वेबैक मशीन पर . The Tribune, 2 September 2001.
  3. Parikshit Sahni turns producer Archived 8 July 2012आर्काइव.इज पर Mid Day, 4 May 2006."..My dad came from a literary background and taught English Literature at Shantiniketan. My mom who was doing her Bachelor's degree there, was expecting me then, and was about to give her exams. Tagore told her that I should be called Parikshit as she was giving pariksha, while I was still in her womb.