भिवानी जिला
भिवानी ज़िला भारत के हरियाणा राज्य का एक जिला है जिसका मुख्यालय भिवानी है।[१][२][३]
विवरण
सम्पादनक्षेत्रफल की दृष्टि से यह हरियाणा का सबसे बड़ा जिला हुआ करता था, परंतु चरखी दादरी भिवानी से अलग होकर एक नया जिला बन गया जिसके कारण अब सिरसा जिला सबसे बड़ा जिला बन गया। इसकी स्थापना 22 दिसम्बर, 1972 को हुई थी जब इसे हिसार से अलग कर दिया गया था। इसके जिला मुख्यालय का नाम भी भिवानी ही है। इसका क्षेत्रफल 5140 वर्ग किमी है। 442 गावों को समेटे इस जिले की जनसँख्या 1,425, 022 है जो जनसंख्या की दृष्टि से भिवानी को हरियाणा में तीसरा बड़ा जिला बना देता है (पहले और दुसरे पर क्रमशः फरीदाबाद और हिसार हैं)। जिला मुख्यालय भिवानी भारत की राजधानी दिल्ली से 124 किलोमीटर दूर है।
भिवानी के उत्तर में हिसार, पूर्व में रोहतक, दक्षिण में महेंद्रगढ़, दक्षिण पूर्व में रेवाड़ी तथा पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में राजस्थान है। ये हरियाणा के सबसे नीचे जल स्तर के जिलों में आता है।
नामकरण
सम्पादनभिवानी जिले का नाम इसके मुख्यालय के नाम से लिया गया है।
इतिहास
सम्पादनभिवानी के सबसे पुराने गांव में एक नाम काैंट गांव का भी आता है जो भिवानी से ३ किलोमीटर दूर स्थित है। जहां के लोग बहुत ही सभ्य और संस्कारी हैं। भिवानी जिले की नीव इसी गांव से निकले एक व्यक्ति द्वारा की गई थी। जो आज भिवानी के नाम से जाना जाता है। भिवानी के एक गाँव, मीताथल में की गयी खुदाई से प्राप्त प्रमाण बताते हैं कि यह स्थान हडप्पा संस्कृति के समय से ही आबाद था। भिवानी के समीप नौरंगाबाद गाँव में की गयी खुदाई के दौरान प्राप्त वस्तुएं लगभग ढाई हज़ार साल पुरानी हैं। आइन-ए-अकबरी में भिवानी शहर का ज़िक्र मिलता है।सिंधु घाटी सभ्यता की खान, तोशाम और मकानों को तोशाम हिल रेंज की खानक पहाड़ियों पर पाया गया है। [उद्धरण वांछित] खुदाई (1968–73 और 1980-86) भिवानी के मिताथल गाँव में, पूर्व-हड़प्पा और पूर्व के साक्ष्य का पता लगाया गया है। क्षेत्र में हड़प्पा (सिंधु घाटी सभ्यता) संस्कृति। भिवानी शहर से लगभग 10 किलोमीटर (6.2 मील) पूर्व में, नौरंगाबाद गाँव के पास, 2001 में प्रारंभिक खुदाई में सिक्कों, औज़ारों, खिलौनों, मूर्तियों और बर्तनों समेत 2,500 साल पुरानी कलाकृतियों का पता चला था। पुरातत्वविदों के अनुसार, सिक्कों, सिक्कों के टुकड़ों, मूर्तियों और घरों के डिजाइन की उपस्थिति से पता चलता है कि 300 ई.पू. तक कुषाण, गुप्त और यौधेय काल में कभी-कभी यहाँ एक शहर मौजूद था।
भिवानी शहर का उल्लेख ऐन-ए-अकबरी में किया गया है और यह मुगलों के समय से वाणिज्य का एक प्रमुख केंद्र रहा है।
तहसील
सम्पादनभिवानी में पाँच तहसील हैं - भिवानी, बवानी खेड़ा, तोशाम, लोहारू और सिवानी।
कृषि
सम्पादनअधिकाँश लोगों का व्यवसाय कृषि है। यहाँ की फ़सल बाजरा मुख्या है। इसके अलावा ज्वार, गेहूँ, गन्ना, सरसों, धान और चना है। भिवानी के दक्षिणी इलाके थार रेगिस्तान के संपर्क में आते हैं। अतः वहाँ पर बालू मिटटी अधिक है। अतः वहाँ पर पानी की पूर्ती भूमिगत जल को निकाल कर की जाती है जहाँ सूखे कूएँ दो सौ फीट की गहराई तक जाते हैं जिनमें पानी की मोटर स्थायी रूप से रख दी जाती है। बाकी स्थानों पर हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की गयी नहर की सेवा ज़मीन को उपजाऊ बनाये रखने में मदद करती है।
इन्हें भी देखें
सम्पादनबाहरी कड़ियाँ
सम्पादनसन्दर्भ
सम्पादन- ↑ "General Knowledge Haryana: Geography, History, Culture, Polity and Economy of Haryana," Team ARSu, 2018
- ↑ "Haryana: Past and Present," Suresh K Sharma, Mittal Publications, 2006, ISBN 9788183240468
- ↑ "Haryana (India, the land and the people), Suchbir Singh and D.C. Verma, National Book Trust, 2001, ISBN 9788123734859