मलेरिया रोग मासा कय काटय से फइलय वाला रोग होय ।इ रोग मनई अव दुसरे जानवरन कय भि लागि सकत हय । मलेरिया प्लाज्मोडियम नाँव कय प्रोटोज़ोवा से होत हय जवने कय मासा फइलावै कय काम करत हय । मलेरिया मा तेज़ बोखार ,थकान ,जुडि औ कपकपी होत हय । यकरे अउर लक्षन मा उल्टि आइब औ गम्भिर अवस्था मा सिज़र ,पीलिया,कोमा औ मउत भि होइ सकत हय । मासा कय काटय से अगर प्लाज़्मोडियम परजिवि देहि मा चलि गय तव १० से १५ दिन मा लक्षन देखायक सुरु होत हय । एक दाँइ मलेरिया लागैक बाद मा यदि दुसरा दाई मलेरिया लागि तव लक्षन बहुत ह्ल्का देखाइ । इ देहि मा पहिला संक्रमण से बनय वाला एन्टिबडी या रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कय नाते से होत हय लेकिन अगर एक साल मलेरिया कय किटाणु से सम्पर्क ना होय तव इ रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता खतम होइ जाइ ।[१]

सन्दर्भ सम्पादन

  1. Caraballo H (2014). "Emergency department management of mosquito-borne illness: Malaria, dengue, and west nile virus". Emergency Medicine Practice. 16 (5).