रहीम एक मध्यकालीन सामंतवादी संस्कृति कवि रहेन। की क्रितियन मा एक ‘सिंगार-सोरठा’ है जेहिके तहत अबहीं ले कुल छः सोरठा मिलि सका अहैं। इन सोरठन मा सिंगार रस कै समाई है, साथेन कवि के कल्पना कै सिंगारी छौंक जहाँ-तहाँ मौजूद है। यै छवो सोरठै हियाँ प्रस्तुत कीन जात अहैं। इनकै मतलबौ भरसक बताय दिहे अहन्‌।

बचपन के अवस्था में अकबर के दरबार में कवि रहीम
रहीम के मकबरा, दिल्ली मा


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